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वंशवाद एक बीमारी

दोस्तों प्रणाम, आपका हार्दिक स्वागत विषय : वंशवाद एक बीमारी दोस्तों वंशवाद शब्द सुनते ही सबके जहन मैं एक ही बात आती है कि आखिर कब तक इस विषय पर वाद विवाद चलता रहेगा।  आज हमारे  भारत देश ने कई विषयों पर अपनी जीत दर्ज कर ली है | मगर अभी भी कई ऐसे मुद्दे हैं जो आज के युवा को आगे बढ़ने और उसमे आ रही रुकावटों पर सोचने पर मजबूर करते हैं।  वंशवाद भी उनमे से एक ऐसा विषय हैं जिस पर हर आदमी दस मिनट सोचे और अपने विचार बताना शुरू करें तो सुनने वाले कम कम पड़ जायेंगे और बोलने वाले ज्यादा दिखाई देंगे इस विषय पर।  क्यों की ये विषय ही ऐसा है जिसकी जानकारी सब को है।  आज हर गरीब, मध्यम परिवार के होनहार बच्चे कई बार सिर्फ इसलिए पीछे रह जाते है क्यों की वंशवाद आड़े आ जाता है. कहाँ कहाँ पीछे रह जाता है इसके लिए मैं अपने विचार आपके साथ शेयर कर रहा हूँ। वैसे तो बहुत सारे बहुत सारे फील्ड हैं भारत देश मैं जहाँ वंशवाद हावी है मगर आसानी से समझने के लिए आप सिर्फ राजनीति और फिल्म इंडस्ट्री के बारे मैं सोच कर देख लें जहाँ आपको ऐसे अनगिनत चहरे खुद ब खुद आपकी आखों के सामने आ जायेंगे...
जयपुर के इस गांव मे कोई भी बीमार समय पर अस्पताल नही पहुंच पाता और अकाल म्रत्यू का शिकार हो जाता है . कारण 2013 से स्वीक्रत सड़क के का निर्माण ना हों पाना . बीस दिन पहले खेत मे मेरे 18 साल के भतीजे कैलाश को बिजली का करंट लगा और अस्पताल पहुचने मे पोने दो घंटे लगे और उसकी अकाल म्रत्यू हो गई . आजादी के 70 वर्षो बाद भी मेरे गाँव मे सड़क नहीँ । 100 सालोँ का पुराना रास्ता , राजधानी जयपुर की नाक के नीचे झोटवाड़ा पँ . स . का लगभग 10 गाँवो की 25000 जनसंख्या को जोड़ने वाला और जयपुर से मात्र 25 km की दूरी पर रोड़ का अभाव पिछड़ेपन की सारी हदे पार कर रहा है । मण्डाभोपावास से जोरपुरा तक इस कच्चे ग्रेवल रास्ते का हाल ये है कि कोई अचानक बीमार होने या pregnant woman के डिलेवरी पिरीयड़ मेँ हाँस्पीटल तक पहुचना किसी एवरेस्ट फतह से कम नहीँ . है ।ज्यादातर मरीज रास्ते मेँ दम तोड़ देते है , दर्द से कराहते हुऐ औरतेँ इस उबड़ खाबड़ रास्ते मेँ चलती गाड़ी मेँ डिलीवरी ...