जयपुर के इस गांव मे कोई भी बीमार समय पर अस्पताल नही पहुंच पाता और अकाल म्रत्यू का शिकार हो जाता है . कारण 2013 से स्वीक्रत सड़क के का निर्माण ना हों पाना . बीस दिन पहले खेत मे मेरे 18 साल के भतीजे कैलाश को बिजली का करंट लगा और अस्पताल पहुचने मे पोने दो घंटे लगे और उसकी अकाल म्रत्यू हो गई . आजादी के 70 वर्षो बाद भी मेरे गाँव मे सड़क नहीँ । 100 सालोँ का पुराना रास्ता , राजधानी जयपुर की नाक के नीचे झोटवाड़ा पँ . स . का लगभग 10 गाँवो की 25000 जनसंख्या को जोड़ने वाला और जयपुर से मात्र 25 km की दूरी पर रोड़ का अभाव पिछड़ेपन की सारी हदे पार कर रहा है । मण्डाभोपावास से जोरपुरा तक इस कच्चे ग्रेवल रास्ते का हाल ये है कि कोई अचानक बीमार होने या pregnant woman के डिलेवरी पिरीयड़ मेँ हाँस्पीटल तक पहुचना किसी एवरेस्ट फतह से कम नहीँ . है ।ज्यादातर मरीज रास्ते मेँ दम तोड़ देते है , दर्द से कराहते हुऐ औरतेँ इस उबड़ खाबड़ रास्ते मेँ चलती गाड़ी मेँ डिलीवरी ...
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अगस्त, 2017 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं